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मुझे मेरी मस्ती कहा लेके आई ,
जहा मेरे अपने सिवा कुछ भी नाही ।
पता जब लगा मेरी हस्तिका मुझको ,
सिवा मेरे अपने कही कुछ नाही ।
सभी में सभी में पड़ा में ही में हु ,
सिवा मेरे अपने कही कुछ नाही ।
ना दुःख है आ सुख है ना हे शोक कुछ भी ,
अजब है ये मस्ती पिया कुछ नाही ।
मुझे मेरी मस्ती ।।
यह सागर यह लहेरे यह फेन ये बुद्बुदे ,
क्लीप्त है जल के सिवा कुछ नाही ।
अरे में हु आनंद आनंद है मेरा ,
मस्ती है मस्ती और कुछ भी नाही ।
मुझे मेरी मस्ती ।।
भ्रम है यः द्रन्द्र है यह मुझको हुआ है ,
हटाया जो उसको खफा कुछ नाही ।
यह परदा है दुई का हटा के जो देखा ,
तो बस एक में हु जुदा कुछ नाही ।
मुझे मेरी मस्ती ।।
मुझे मेरी मस्ती कहा लेके आई ,
जहा मेरे अपने सिवा कुछ नाही ।
मुझे मेरी मस्ती कहा लेके आई ,
मुझे मेरी मस्ती कहा लेके आई ।।
Muje Meri Masti Kaha Leke Lyrics
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