गुरुजी दरस बिन | Guruji Daras Bin Jiya Mora Tarse Lyrics
गुरुजी दरस बिन जिया मोरा तरसे,
गुरु जी मेरे नैनन में जल बरसे ,
गुरु जी दरस बिन जियरा मोरा तरसे,
मैं पापन अब उनकी रासी,
कैसे करें प्रभु निज की दासी,
काया कपत है तेरे...
मन की तरंग मार लो | Man Ki Tarang Marlo Bas Ho Gaya Bhajan
मन की तरंग मार लो, बस हो गया भजन।
आदत बुरी संवार लो, बस हो गया भजन॥
आये हो तुम कहा से, जाओगे तुम कहाँ।
इतना ही विचार लो, बस हो गया भजन॥
कोई तुम्हे...
दुनिया दो दिन का है मेला | Duniya Do Din Ka Hai Mela Lyrics
दुनिया दो दिन का है मेला, जिसको समझ पड़े अलबेला।
जैसी करनी वैसी भरनी, गुरु हो या चेला।
सोने चांदी धन रतनों से, खेल आजीवन खेला,
चलने की जब घड़ियाँ आई, संग नहीं चलेगा...
क्या भरोसा है इस ज़िंदगी का | Kya Bharosa Hai Is Jindagi Ka Lyrics
क्या भरोसा है इस ज़िंदगी का
साथ देती नहीं यह किसी का
सांस रुक जाएगी चलते चलते,
शमा बुज जाएगी जलते जलते ।
दम निकल जायेगा रौशनी का ॥
क्या भरोसा है…
हम रहे ना मोहोबत रहेगी,
दास्ताँ...
मन लाग्यो मेरो यार फ़कीरी | Man Lagyo Mero Yaar Fakiri Lyrics
मन लाग्यो मेरो यार फ़कीरी में
मन लाग्यो मेरो यार फ़कीरी में
जो सुख पाऊँ राम भजन में
सो सुख नाहिं अमीरी में
मन लाग्यो मेरो यार फ़कीरी में
भला बुरा सब का सुनलीजै
कर गुजरान ग़रीबी...
पता नहीं किस रूप में आकार | Pata Nahi Kis Roop Mai Lyrics
पता नहीं किस रूप में आकार नारायण मिल जाएगा ,
निर्मल मन के दर्पण में वह राम के दर्शन पाएगा ,
सांस रुकी तेरे दर्शन को, न दुनिया में मेरा लगता है
शबरी बांके...
अलख के अमल पर | Alakh Ke Amal Par Lyrics
अलख के अमल पर चडे योगीयो को
जणाये तरण सम जगत बादशाही
अमल कि वो यारो खुमारी ना उतरे
अदल शहेनशाही को परवा न कोइ
अलख के अमल पर चडे योगीयो को
हे तुष्णां भीखारी जो...
दुनिया चले ना श्री राम के बिना | Duniya Chale Na Shri Ram Ke...
दुनिया चले ना श्री राम के बिना,
राम जी चले ना हनुमान के बिना ।
जब से रामायण पढ़ ली है,
एक बात मैंने समझ ली है,
रावण मरे ना श्री राम के बिना,
लंका जले...
अलख मिलन के काज फकीरी | Alakh Milan Ke Kaj Fakiri Lyrics
अलख मिलन के काज फकीरी , लेके फिरू में जंगल में ,
तेरी सीकल के काज फकीरी , लेके फिरू में जंगल में ,
तुही तुही तार लगी दिल अंदर , रहु सदा...
मंगल भवन अमंगल हारी | Mangal Bhavan Amangal Hari Lyrics
मंगल भवन अमंगल हारी ,
द्रबहु सुदसरथ अचर बिहारी ,
राम सिया राम सिया राम जय जय राम ,
हो, होइहै वही जो राम रचि राखा ,
को करे तरफ़ बढ़ाए साखा ,
हो, धीरज धरम...