अलख के अमल पर चडे योगीयो को
जणाये तरण सम जगत बादशाही
अमल कि वो यारो खुमारी ना उतरे
अदल शहेनशाही को परवा न कोइ
अलख के अमल पर चडे योगीयो को
हे तुष्णां भीखारी जो मिले शहेनशाही
न तुटे वहां तक कहां बादशाही
हे शाहु की शाही अदल फकिराइ
सर्वे त्याग के जीस ने तुष्णा मिटाइ
अलख के अमल पर चडे योगीयो को
कदम पर हे जुकती खलक सारी आइ
जुके राव राणा बेतुल बादशाही
जगत जहांगीरी फीकर जीस ने खाइ
बना के मुकामो से आशा उठाइ
अलख के अमल पर चडे योगीयो को
इधर बादशाही उधर बादशाही
मीटे खुफीयारी इ रे मुफली शाही
न आना न जाना मिटी जंजीताइ
फकिरी हे ऐसी अदब शहेनशाही
अलख के अमल पर चडे योगीयो को
सब हे उसी में ओर वो हे सभी मे
नजर ऐक बिन नहि दुजे समाइ
कहेता हे लाल जीसने मस्ती को पाइ
अमर तख्त पर गादी अपनी बिछाइ
अलख के अमल पर चडे योगीयो को