Das Satar VaniNarayan Swami Hindi हरी के बिना कोन गरीब को बेली | Hari Ke Bina Kon Garib Ko Beli Lyrics July 8, 2024 0 FacebookWhatsAppPinterest https://amzn.to/46sNAa0 हरी के बिना कोन गरीब को बेली , हरी के बिना कोन गरीब को बेली , धनवाले धन देख फुलाये , बांधे महेल हवेली , दान धरम दया नहीं दिलमे , आये अनीति फैली , नाम करण को दान करत है , मन में निष्ठां मिली , पापी पाखंडी को ये पूजे , बनकर चेला चेली , नाटक देखे नाच नचावे , खाली करे नित थेली , उनको सत्य सुज़े नही जिनके , जिनके बाप ताई माँ तेली , दो रंगी दुनिया के अंदर , देखि भेला भेली , दास सतार कोई एक धर्मी , बाकि दुनिया घेली , Hari Ke Bina Kon Garib Ko Beli Lyrics Narayan Swami Best Bhajan Lyrics नारायण स्वामी क्रिष्ण भजन मीराबाई भजन शिव भजन कबीर भजन प्राचीन भजन नरसिंह महेता राम भजन गणेश भजन माता के भजन आरती धून Share this: