नगर में जोगी आया , भेद कोई समजना पाया |
अजब है तेरी माया , सबसे बड़ा है तेरा नाम |
भोलेनाथ भोलेनाथ भोलेनाथ ||
अंग विभूत गले रूद्र माला , शेषनाग लिपटायो |
सर पे गंगा भाल चन्द्रमा , घर घर अलख जगायो |
नगर में जोगी आया , यशोदा के घर आया |
आके अलख जगाया , सबसे बड़ाहे है तेरा नाम |
भोलेनाथ भोलेनाथ भोलेनाथ ||
ले भिक्षा निकली नंदरानी , कंचन थार भरयो |
लो भिक्षा जा जोगी आसान जायो , मेरो लाल डरायो |
नगर में जोगी आया , भेद कोई समाजना पाया |
सबसे बड़ा है तेरा नाम , भोलेनाथ भोलेनाथ भोलेनाथ ||
ना चाहिए तेरी दौलत दुनिया , नाही कंचन माया |
अपने लाल का दरश करादे, में दर्शन को आया |
नगर में जोगी आया , भेद कोई समजना पाया |
सबसे बड़ा है तेरा नाम , भोलेनाथ भोलेनाथ भोलेनाथ ||
पंचबार परिक्रम्मा करके , सुंडी नाद बजायो |
सूरदास बलिहारी कन्हैया , जुग जुग जिये तेरो लालो |
नगर मे जोगी आया , भेद कोई समजना पाया |
सबसे बड़ा है तेरा नाम , भोलेनाथ भोलेनाथ भोलेनाथ ||
नगर मे जोगी आया , भेद कोई समजना पाया |
अजब है तेरी माया , सबसे बड़ा है तेरा नाम |
भोलेनाथ भोलेनाथ भोलेनाथ ||
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