जय गणेश गण नाथ दयानिधि
सकल विघन कर दूर हमारे जय गणेश ।
प्रथम धरे जो धयान तुम्हरो
तिसके पूरण कारज सारे । जय गणेश ।।
लम्बोदर गज मदन मनोहर
कर त्रिशूल परशु वर धारे । जय गणेश ।।
रिद्धि सिद्धि दोव चमर ढुलावे
मूषक वाहन परम सुखारे । जय गणेश ।।
ब्रह्मादिक सुर ध्यावत मन में
ऋषि मुनि गण सबदास तुम्हारे । जय गणेश ।।
” ब्रह्मानंद ” सहाय करो नित
भक्त जनोके तुम रखवाले । जय गणेश ।।
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