नजरो से देख प्यारे , ईश्वर है पास तेरे
क्या ढूंढता है बनमे , तनमे कबी न हेरे ।
पूरव को कोई जावे , पश्विम दिशाको धावे
प्रभु का न भेद पावे , बिरथा फिरे है फेरे ।
भूतल आकाशमाही , उसका मुकाम नाही
दिनिया रही भुलाई , जाने नाही है नेरे ।
वो है सबी ठिकाने , घट घट की बात जाने
उसको जो दूर मने , वो मूढ़ है घनेरे ।
जगमे जगाना कोई , ईश्वर जहाना होइ
” ब्रह्मानंद ” जाने सोइ सुन , सत्य वाकया मेरे ।
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