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जगत में स्वारथ का व्यवहार | Jagat Me Swarath Ka Vyavhar Lyrics

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जगत में स्वारथ का व्यवहार, स्वारथ का व्यवहार जगत में, स्वारथ का व्यवहार, पूत कमाई कर धन ल्यावे,माता कर रही प्यार, पिता कहे ये पूत सपूता,अकलमंद होशियार, जगत में स्वारथ का व्यवहार (२) , नारी सुंदर वस्त्र...
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