Shiv Bhajan Hindiसदाशिव सर्व वरदाता | Sadashiv Sarv Vardata Lyrics August 4, 20220414FacebookWhatsAppPinterest सदाशिव सर्व वरदाता, दिगम्बर हो तो ऐसा हो । हरे सब दुःख भक्तों के, दयाकर हो तो ऐसा हो ॥शिखर कैलाश के ऊपर, कल्पतरुओं की छाया में । रमे नित संग गिरिजा के, रमणधर हो तो ऐसा हो ॥शीश पर गंग की धारा, सुहाए भाल पर लोचन । कला मस्तक पे चन्दन की, मनोहर हो तो ऐसा हो ॥भयंकर जहर जब निकला, क्षीर सागर के मंथन से । रखा सब कण्ठ में पीकर, विषधर हो तो ऐसा हो ॥शिरो को काटकर अपने, किया जब होम रावण ने । दिया सब राज दुनियाँ का, दिलावर हो तो ऐसा हो ॥किया नन्दिने जप बनमे , कठिन तप काल के डर से । बनाया खास गण अपना , अमरकर हो तो ऐसा हो ॥बनाए बीच सागर के, तीन पुर दैत्य सेना ने । उठाये एक ही शर से, त्रिपुरहर हो तो ऐसा हो ॥दक्ष के यज्ञ में जाकर , तजि जब देह गिरजाने । किया जब ध्वस्त पलभरमे , भयंकर हो तो ऐसा हो ॥देवगण दैत्य नर सारे, जपें नित नाम शंकर के , वो ब्रह्मानन्द दुनियाँ में, उजागर हो तो ऐसा हो ॥Sadashiv Sarv Var Data LyricsShiv Bhajan Lyricsनारायण स्वामीक्रिष्ण भजनमीराबाई भजनशिव भजनकबीर भजननरसिंह महेताराम भजनगणेश भजनआरतीधूनShare this:TwitterFacebookMoreWhatsAppPinterestTelegramRelatedसदाशिव सर्व वरदाता | Sada Shiv Sarva Var Data LyricsMarch 4, 2022In "Narayan Swami Hindi"शिव शंकर सुखकारी | Shiv Shankar Sukhkari LyricsJuly 18, 2022In "Hindi Dhun"भोलेनाथ से निराला यहाँ कोई नहीं | Bhole Nath Se Nirala LyricsJuly 10, 2022In "Shiv Bhajan Hindi"Table of Contents Toggleसदाशिव सर्व वरदाता, दिगम्बर हो तो ऐसा हो । हरे सब दुःख भक्तों के, दयाकर हो तो ऐसा हो ॥शिखर कैलाश के ऊपर, कल्पतरुओं की छाया में । रमे नित संग गिरिजा के, रमणधर हो तो ऐसा हो ॥शीश पर गंग की धारा, सुहाए भाल पर लोचन । कला मस्तक पे चन्दन की, मनोहर हो तो ऐसा हो ॥भयंकर जहर जब निकला, क्षीर सागर के मंथन से । रखा सब कण्ठ में पीकर, विषधर हो तो ऐसा हो ॥शिरो को काटकर अपने, किया जब होम रावण ने । दिया सब राज दुनियाँ का, दिलावर हो तो ऐसा हो ॥किया नन्दिने जप बनमे , कठिन तप काल के डर से । बनाया खास गण अपना , अमरकर हो तो ऐसा हो ॥बनाए बीच सागर के, तीन पुर दैत्य सेना ने । उठाये एक ही शर से, त्रिपुरहर हो तो ऐसा हो ॥दक्ष के यज्ञ में जाकर , तजि जब देह गिरजाने । किया जब ध्वस्त पलभरमे , भयंकर हो तो ऐसा हो ॥देवगण दैत्य नर सारे, जपें नित नाम शंकर के , वो ब्रह्मानन्द दुनियाँ में, उजागर हो तो ऐसा हो ॥Sadashiv Sarv Var Data LyricsShiv Bhajan Lyrics