वैष्णव जन तो | Vaishnav Jan To Tene Re Kahiye Lyrics | Narshih Maheta

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वैष्णव जन तो तेने रे कहिये जे पीड़ परायी जाणे रे
वैष्णव जन तो तेने रे कहिये जे पीड़ परायी जाणे रे
पर दुखे उपकार करे तोये मन अभिमान न आणे रे
सकल लोक मा सहु ने वन्दे निंदा न करे केनी रे
वाच काच मन निश्चळ राखे धन धन जननी तेनी रे
वैष्णव जन तो तेने रे कहिये जे पीड़ परायी जाणे रे
सम द्रस्टी ने तृष्णा त्यागी पर स्त्री जेने मात रे
जिव्हा थकी असत्य न बोले पर धन नव जले हाथ रे
वैष्णव जन तो तेने रे कहिये जे पीड़ परायी जाणे रे
मोह माया व्यापे नहीं जेने द्रढ़ वैराग्य जेना मन मा रे
राम नाम सुन ताली लागी सकल तीरथ तेना तनमा रे
वैष्णव जन तो तेने रे कहिये जे पीड़ परायी जाणे रे
वण लोभी ने कपट रहित छे काम क्रोध निवार्या रे
भणे नरसैयो जेनु दर्शन करता कुल एकोतेर तार्या रे
वैष्णव जन तो तेने रे कहिये जे पीड़ परायी जाणे रे

नरसिंह महेता भजन

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